लौट आओ माँ…!!
माँ… क्यूँ नहीं लौट आती हो तुम,
हर पल.. हर लम्हा..
तुम्हारी याद, तुम्हारे सवाल,
मुझे घेरे रहते हैं.. शाम -ओ – सुबह,
माँ… क्यूँ इतना आज़माती हो तुम,
तुम्हारे हर दर्द की दवा बनना चाहता था मैं,
तुमने वक़्त भी नहीं दिया मुझे खुद को काबिल बन जाने का…!
अभी – अभी मैं घर की याद कर हीं रहा था..
तुम होती तो हमेशा की तरह मुझे घर आने को मनाती…
बेटा घर आजा.. साल भर में एक बार हीं आता हैं ये त्यौहार… और मैं भी हमेशा की तरह ना नहीं कह पाता…!
पर अब ये कभी भी मुमकीन नहीं..
माँ… तेरे जाने पर मैं..मेरा दिल..मेरे ख्वाब..
सब चूर -चूर हो चुके है..
तू फिर किसी बहाने से मेरे ज़िन्दगी में आजा…
तेरे बिना मेरा सफर अधूरा सा लगता है…
तेरी याद बहुत आती है…
लौट आओ माँ…!!
प्लीज…
❤Love Ravi❤