लो फिर नया साल आ गया…
लो फिर नया साल आ गया
जुबां पर फिर वही सवाल आ गया।
क्या कुछ अच्छा होगा अब के बरस
या करने फिर ये बवाल आ गया।
मची हुई है धूम हर तरफ नए साल की,
कोई नया धमाल आ गया।
सजी हुई है गलियां, नुक्कड़ सभी
लेकर कोई नई मिसाल आ गया।
हर चेहरे पर खुशियां है, नूर है,
हर तरफ रंग ए जमाल आ गया।