लो चला ये भी साल
लो चला यह भी साल,
छोड़ गया अनुत्तरित सवाल?
आखिर करोना कब जाएगा,?
या नए नए रूपों में फिर फैल जाएगा ?
भीषण दर्द दे गया है, यह साल
छोड़ गया है अनुत्तरित सवाल?
नौकरियां उद्योग धंधे सब कुछ तो हैं वेहाल
जिंदगी कब पटरी पर आ जाएगी, यही है सबाल?
एनआरसी सीसीए पर हो गया था बवाल
करवा गया दिल्ली में दंगे छोड़ गया सवाल।
आज भी दिल्ली जाम पड़ी है?
सीमाओं पर किसानों की कतार लगी है?
देश भर के किसान शांत हैं,
पंजाब हरियाणा में आग लगी है?
कौन बरगला रहे हैं किसानों को?
तैयार तक नहीं बात करने को?
हर आम और खास है परेशान,
यह भी है इसी साल का निशान।
क्या आंदोलन ऐंसा होना चाहिए?
आमजन का रास्ता बंद करना चाहिए?
महीनों देश में जाम लगाया जाना चाहिए?
क्या और कोई रास्ता नहीं?
क्या अराजकता ही है सही?
क्या चायना और पाकिस्तान
अपनी हरकतों से बाज आएंगे?
आतंकबाद पर लगाम लगाएंगे?
या अभी और भी देश को सताएंगे?
ईश्वर से प्रार्थना है, नया वर्ष अच्छा आएगा
उम्मीद है, सब कुछ ठीक-ठाक हो जाएगा
देश फिर पटरी पर आ जाएगा ।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी