लो अब निषादराज का भी रामलोक गमन
निषाद राजा भी चले, आज राम के लोक
दिव्य पुरुष को यादकर, हम सब करते शोक
लंकापति रावण अरविन्द त्रिवेदी जी के बाद, अब निषादराज चंद्रकांत पंड्या जी का भी रामलोक गमन हो गया है। दोनों गुजराती मित्रों ने एक साथ कई नाटकों में काम किया। मशहूर निर्माता, निर्देशक व लेखक स्व. रामानंद सागर जी के निर्देशन में बनी ‘रामायण’ में निषाद राज की भूमिका निभाई थी। पंड्या जी छियत्तर साल के थे।
गुजरात के बनासकांठा जिले के भीलड़ी गांव में उनका जन्म 1 जनवरी 1946 ई. को हुआ था। उनके पिता एक व्यवसायी थें, जो गुजरात से मुंबई आ गए थे। चंद्रकांत का बचपन मुंबई में ही बीता और अपनी पढ़ाई भी उन्होंने मुंबई में ही पूरी की। रामायण धारावाहिक के अलावा तकरीबन 100 गुजराती फिल्मों और अनेक टी.वी. धारावाहिकों में चंद्रकांत जी ने काम किया था।
उन्हें सर्वप्रथम सुअवसर गुजराती फिल्म “कडू मकारनी” में मिला था। ‘कडू मकारनी’ में काम कर पंड्या गुजराती फिल्म इंडस्ट्री के बड़े एक्टर में शुमार हो गए। बचपन से ही एक्टिंग में चंद्रकांत की गहरी रुचि थी। ऐसे में उनकी मुलाकात श्री अरविंद त्रिवेदी से एक नाटक के ही दौरान हुई थी। दोनों ने एक साथ कई नाटकों में काम किया। इस तरह गुजराती थियटर को भी उन्होंने एक नई ऊंचाई दी।
धारावाहिक ‘रामायण’ में चंद्रकांत पंड्या ने भगवान राम के मित्र का किरदार निभाया था। जिसने उन्हें देश-विदेश में लोकप्रिय कर दिया था। अब उनके निधन की ख़बर से टी.वी. फ़िल्म व थिएटर की दुनिया में शोक की लहर है। सोशल मिडिया की सभी वेबसाइट में इस कलाकार को सब अपने-अपने तरीक़े से श्रृद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उत्तरांचली साहित्य संस्थान भी अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करता है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है।
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