Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2021 · 1 min read

लोरी

निदिया- निन्नी रानी आजा
मेरी गुड़िया को सुलाजा
खाना-पीना पूरा हो गया
दुद्दु-पानी पूरा हो गया
अब नही रुका जाता,
मेरी गुड़िया को सुलाजा..।

शुबह से खेलने निकली हूँ
सहेलियों से झगड़ी हूँ
थक कर चूर हो गयी हूँ
और नही खेला जाता,
मेरी गुड़िया को सुलाजा..।

सो कर सपना देखूंगी
चंदा मामा संग खेलूंगी
तारो संग घूमूंगी
बादलों पर झूलूंगी
अब नही जगा जाता,
मेरी गुड़िया को सुलाजा,
निन्नी रानी आजा…।

2 Likes · 2 Comments · 253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all

You may also like these posts

#drarunkumarshastei
#drarunkumarshastei
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीवन संध्या में
जीवन संध्या में
Shweta Soni
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
🙅आज का ज्ञान🙅
🙅आज का ज्ञान🙅
*प्रणय*
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
वक़्त की फ़ितरत को
वक़्त की फ़ितरत को
Dr fauzia Naseem shad
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी
प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी
प्रेमदास वसु सुरेखा
जब किसी से किसी को प्यार होता है...
जब किसी से किसी को प्यार होता है...
Ajit Kumar "Karn"
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
*अटूट बंधन*
*अटूट बंधन*
ABHA PANDEY
पदावली
पदावली
seema sharma
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
शिव जी
शिव जी
Sudhir srivastava
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
Subhash Singhai
पिताजी की बाते
पिताजी की बाते
Kaviraag
ख़ुशबू आ रही है मेरे हाथों से
ख़ुशबू आ रही है मेरे हाथों से
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)*
*आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
" बरसात "
Dr. Kishan tandon kranti
2945.*पूर्णिका*
2945.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उसका प्रेम
उसका प्रेम
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
अभी कुछ बरस बीते
अभी कुछ बरस बीते
shabina. Naaz
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
गणपति स्तुति
गणपति स्तुति
Dr Archana Gupta
होके रुकसत
होके रुकसत
Awneesh kumar
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
Johnny Ahmed 'क़ैस'
गरीब हैं लापरवाह नहीं
गरीब हैं लापरवाह नहीं
सुशील भारती
Loading...