लोरी
निदिया- निन्नी रानी आजा
मेरी गुड़िया को सुलाजा
खाना-पीना पूरा हो गया
दुद्दु-पानी पूरा हो गया
अब नही रुका जाता,
मेरी गुड़िया को सुलाजा..।
शुबह से खेलने निकली हूँ
सहेलियों से झगड़ी हूँ
थक कर चूर हो गयी हूँ
और नही खेला जाता,
मेरी गुड़िया को सुलाजा..।
सो कर सपना देखूंगी
चंदा मामा संग खेलूंगी
तारो संग घूमूंगी
बादलों पर झूलूंगी
अब नही जगा जाता,
मेरी गुड़िया को सुलाजा,
निन्नी रानी आजा…।