लोग इतने बिमार होंगे सोचा न था
गौरी लंकेश के हत्या पर कुछ लोग इतने खुश हैं मानो उनके सर से कोई भारी बोझ उतर गया हो।पहली बार लोगों को अपने अपने तर्क से एक हत्या को सही साबित करने में जुटे हैं।कोई कानून व्यवस्था पर सवाल नहीं उठा रहा है परन्तु पत्रकार के हत्या को जायज बताने से नहीं चूक रहा है।उन्हें नहीं पता वो कितने बड़े रोग से ग्रस्त हैं।ताल ठोक कर एक महिला को कुतिया बोल रहे हैं।शायद भारत के संस्कृति सभ्यता से काफी दूर हैं ये लोग परन्तु भंयकर रोग के काफी नजदीक।जो लोग इस वाक्या पर ताली बजा रहे हैं याद रखें कल आपके साथ कुछ होगा तब भी ताली की आवाज़ इतनी ही भंयकर होगी।
अभिनव कुमार यादव