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16 May 2024 · 1 min read

लोगो खामोश रहो

लोगों खामोश रहो।
बात अपनी न कहो।
ताले लगाओ मुख पर
बात न करो दुख पर।
मरती है बेटियां मरने दो।
बलात्कार उनके होने दो
ससुराल में भी मारी जायेगी।
फिर क्या जो दुख पायेगी
लेकिन
तुम लोगों खामोश रहो

मां बाप सारी उम्र कमायेंगे
बच्चों को पढ़ायेंगे,लिखायेंगे
सारी कमाई उन पर लुटायेगे
बच्चे वृद्धाश्रम छोड़ आयेगे
कुछ नहीं होगा
लेकिन
तुम लोगों खामोश रहो।

आदमी रोज शराब पियेगा ।
नशा करेगा ,जहर बोलेगा
पत्नी को रोज पीटेगा
आखिर उसका मालिक है
लेकिन
लोगों तुम खामोश रहो
जुबां अपनी से कुछ न कहो

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 87 Views
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