लोकपाल का सबाल.?
क्या हाल है
लोकपाल का
अन्ना के सबाल का.
आंदोलन चला गया
जन सैलाब बिखर गया
क्या हुआ सबाल का
स्टेट के भ्रष्टाचार का.?
राजनीति चमक गयी
आंदोलन से
नई सरकारें पनप गयी
क्या हुआ बदलाब का
अन्ना के दबाब का .?
निर्भया भी चली गयी
केंडले भी बुझ गयी
खो गए सब ख्वाब का
निर्भयाओं के अधिकार का.?
जनता भी बदल गयी
राजभक्ति में पड़ गयी
धर्म सम्प्रदाय बढ़ गया
वर्ण व्यवस्था पर
नया कलेबर चढ़ रहा ।
अन्ना भी सो गये
केजरीबाल सी.एम हो गए
सत्यमेव जयते से
आमिर सत्य से
रूबरू हो गए ।
खो गयी आवाज़ है
आवाज़ बन गयी
सरकार है
सब कुकृत्य दब गए
देशभक्ति के नाम चढ़ गए ।
खत्म हुई जरूरत
लोकपाल की
जनता के सबाल की
भृस्टाचार मिट गया
देश तरक्की कर गया ..?
गंगा हो गयी निर्मल
युवा हो गया सबल
अप्रासंगिक हो गया
जबाब
अन्ना का सबाल….????