*लोकतंत्र जिंदाबाद*
रामलीला मैदान में मंच विशाल बना है
साज -सज्जा भी मन -भावन बना है
आज यहां राजनीति का तना -बना है
बांस- बल्ले के साथ लगा शामियाना है
लोकतंत्र का महापर्व फिर आया है
आज यहां बहुत ही चहल+ पहल है
भारी भीड़ हर प्रवेश द्वारों से आ रही है
नेता जी के आने के पहले भीड़ आ रही है
नेता जी अपने दल के उम्मीदवार का
परिचय भीड़ से बारंबार करा रहे हैं
उनके पक्ष में बटन दबाने को कह रहे हैं
आपका कल्याण करेंगे, कह रहे हैं
यह युवक आपके गांव का है
आपके अपने जिले का समाजसेवी है
आपके चुनावी क्षेत्र का सामाजिक है
भारत के भविष्य का निर्माता है।
आप सब जानते है, इसे पहचानते हैं
सच कहता हूं, झूठ नहीं कहता हूं
आप भारत के सुयोग्य नागरिक हैं
आप से ही लोकतंत्र अबतक जिंदा है।
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स्वरचित और मौलिक
@घनश्याम पोद्दार
मुंगेर