लॉक डाउन
अनिश्चित काल के इस माहौल में
एक दूसरे का साथ निभाते है
कुछ रिश्तों में जो जंग लगी थी
उसको चमकदार बनाते हैं ।
लॉक डाउन के इस घड़ी में
भूल न जाना चिड़ियों को
क्षमा करना, क्षमा मांगना
रिश्तों में मिठास ले आना।
थोड़ा मैं, थोड़ा तुम बदलना
भीतर के प्रकाश को पाएंगे
प्रकृति के साथ एकनिष्ठ होकर
नये भारत को बनाएंगे…।
प्रोफ. डॉ. दिनेश गुप्ता- आनंदश्री