Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2024 · 1 min read

ले आओ बरसात

जंगल झाड़ी सूखी सारी,
सूखी सारी घास।
काले-काले बादल भैया,
ले आओ बरसात।।

तपती रहती सड़कें सारी,
पगडण्डी की रेत।
तेज धूप में मिट्टी फटती,
सहमे सारे खेत।
जनमानस की पीर हरो अब,
हम सब जोड़े हाथ।
काले-काले बादल भैया
ले आओ बरसात।।

जंगल के हालात जानकर,
चिंता में है बाघ।
वन्य प्राणियों के जीवन में,
भूख-प्यास की आग।
नदियाँ नाले भर दो सारे,
दे जाओ सौगात।
काले-काले बादल भैया
ले आओ बरसात।।

गाँव शहर में बिदरी पूजन,
कथा पढ़े श्लोक।
जिसकी जितनी शक्ति भक्ति,
वैसा लाये भोग।
गली-गली में निकल रही है,
मेंढक की बारात।
काले-काले बादल भैया,
ले आओ बरसात।।

संतोष बरमैया #जय

2 Likes · 15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रतिशोध
प्रतिशोध
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
ज़िंदगी खुद ब खुद
ज़िंदगी खुद ब खुद
Dr fauzia Naseem shad
"छिन्दवाड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
डॉक्टर रागिनी
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
Ajay Kumar Vimal
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Bodhisatva kastooriya
जो क्षण भर में भी न नष्ट हो
जो क्षण भर में भी न नष्ट हो
PRADYUMNA AROTHIYA
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
manjula chauhan
भीमराव अम्बेडकर
भीमराव अम्बेडकर
Mamta Rani
बाल कविता: चूहा
बाल कविता: चूहा
Rajesh Kumar Arjun
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
gurudeenverma198
जिंदगी की राह आसान नहीं थी....
जिंदगी की राह आसान नहीं थी....
Ashish shukla
शिक्षा सकेचन है व्यक्तित्व का,पैसा अधिरूप है संरचना का
शिक्षा सकेचन है व्यक्तित्व का,पैसा अधिरूप है संरचना का
पूर्वार्थ
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बेटी की शादी
बेटी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
*सर्दी की धूप*
*सर्दी की धूप*
Dr. Priya Gupta
यादों में
यादों में
Shweta Soni
उफ़ ये अदा
उफ़ ये अदा
Surinder blackpen
कर्बला में जां देके
कर्बला में जां देके
shabina. Naaz
3374⚘ *पूर्णिका* ⚘
3374⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दिवस पर हर बोली भाषा को मेरा नमस्कार
हिंदी दिवस पर हर बोली भाषा को मेरा नमस्कार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त  - शंका
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त - शंका
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*प्रणय प्रभात*
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
शेखर सिंह
// दोहा पहेली //
// दोहा पहेली //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
धनतेरस के अवसर पर ,
धनतेरस के अवसर पर ,
Yogendra Chaturwedi
गाडगे पुण्यतिथि
गाडगे पुण्यतिथि
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
मुझको तो घर जाना है
मुझको तो घर जाना है
Karuna Goswami
Loading...