देवता कोई न था
लेवता* ही सब मिले हैं, देवता** कोई न था
नाव डूबी जब भँवर में, नाखुदा कोई न था
दरमियां मज़बूरियाँ थीं, यूँ हमारे बारहा
कह सका ना हाय! उनको, बेवफ़ा कोई न था
दास्ताने इश्क़ मैं अब, क्या सुनाऊँ दोस्तो
हिज़्र के तन्हा सफ़र में, रास्ता कोई न था
फिर तो कुछ भी इस जहां में, मुझको ना अच्छा लगा
तू जो बेगाना हुआ तब, दूसरा कोई न था
मैं पता अपना ही यारब, थक गया हूँ पूछकर
इश्क़ में उतरा जो गहरे, फिर पता कोई न था
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*लेवता—स्वार्थी, कुछ भी वापस न लौटाने वाला, राक्षस, शैतान।
**देवता—देने वाला, ईश्वर।