लेख
“छोटे संकल्प ,बड़ी खुशियां”
– राजेश पुरोहित
लो स्वागत कीजिए 2018 का नई उमंग नव उल्लास के साथ लें नव संकल्प। घर में यदि आप अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे रहे हो तो नए साल में ये संकल्प जरूर लें कि हम हमारे बच्चों को धन के साथ समय भी देंगे।परिवार में बुजुर्गों का सम्मान करेंगे उनके आदेशों का पालन करेंगे।घर में शांति का वातावरण रहे ऐसा प्रयास करेंगे। घर के उद्यान में पेड़ पौधों की देखभाल करेंगे,ताकि घर का पर्यावरण स्वच्छ रहे,घर के सदस्य निरोग रहे। उन्हें अच्छा वातावरण मिले। उद्यान में प्रातःकाल सैर करने से शरीर स्वस्थ रहता है। यदि घर परिवार में कोई तंबाकू युक्त सामग्री का उपयोग करता है तो उसे रोकने का संकल्प करवाना है उसे समझाना है कि नशा नाश की जड़ है जो स्वयं के जीवन के साथ साथ परिवार की सुख शांति भी समाप्त हो जाती है। घर में आध्यात्मिक वातावरण बने इस हेतु सुबह शाम पूजन अर्चन संध्या कालीन उपासना आदि करना चाहिए। धर्म ग्रन्थों का पठन बालपन से ही कराना चाहिए। घरों का कूड़ा कचरा घर के बाहर फेकने हेतु संकल्प दिलाने की आवयश्कता है ताकि स्वच्छता बनी रहे । नए साल में शादियों में होने वाले अनर्गल खर्चो से, महंगी शादियों से बचने का संकल्प कराने की आवयश्कता है, यदि दान ही करना है तो चिकित्सालय, विद्यालय आदि स्थानों में चल रहे विकास कार्यो में दान कर देना चाहिए। गर्मी के दिनों में प्यासे को पानी मिले इस हेतु गांव शहरों में प्याऊ लगाने के संकल्प की आवयश्कता है। सर्दियो में रैनबसेरा बनाकर रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड के आस पास भटकते गरीब लोगों को ठंड से बचाने का संकल्प लेना चाहिए। विद्यालयों में जो बच्चे गणवेश नही खरीद सकते उन्हें निशुल्क ड्रेस देने, जो विद्यार्थी स्कूल में जूते चप्पल पहन कर नही आते उन्हें चरण पादुका वितरित करवाने की आवयश्कता है। घर में पड़े हुए कपड़े जो काम नही आते जिन्हें अक्सर स्टोर में रख दिया जाता है उन्हें भलाई की दीवार पर लटका देना चाहिए ताकि गरीब लोगों का तन ढक सके।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सप्ताह में एक दिन साईकल चलाने का संकल्प करना चाहिए जिससे पर्यावरण शुद्ध रहेगा , डीजल पेट्रोल की बचत होगी, ध्वनि प्रदूषण कम होगा ।घर के रोज़मर्रा के काम साईकल से ही करना चाहिए। साईकल चलाने से सम्पूर्ण शरीर का व्यायाम होता है, मांसपेशियां मजबूत बनती है, नए साल में संकल्प करें, खुश रहे।।
नए वर्ष में बच्चो को पढ़ने के लिए बाल साहित्य उपलब्ध करवाने का संकल्प करें , उन्हें बालहंस,बालवाटिका,चम्पक,देवपुत्र,नंदन,बालभारती,बाल कहानियां, बाल रामायण, बाल गीता आदि पढ़ने के लिए प्रेरित करे। खुद भी साहित्य पढ़े और बच्चों को भी बाल साहित्य पढ़ाये। अक्सर देखा गया है कि हम बच्चो को साहित्य पढ़ने के लिए कहते है लेकिन खुद नही पढ़ते है। इंटरनेट के युग में हम सब मोबाइल में खोए हुए है ऐसे में पुस्तको को पढ़ना, उन्हें खरीदना फिर से प्रारम्भ करना चाहिए। इस प्रकार साल 2018 में छोटे छोटे संकल्प लेकर बड़ी खुशियां मनाएँ।
नवल वर्ष में नवल हर्ष हो।
जीवन में नित उत्कर्ष हो।।
98,पुरोहित कुटी
श्री राम कॉलोनी
-भवानी मंडी
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