Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2021 · 1 min read

लेखक का फर्ज _____ कविता

लेखक का फर्ज निभाते हैं, लेखनी अपनी चलाते हैं।
दिखते कहीं जो घाव, मरहम भावना का लगाते हैं ।।
कलम को रोकने हमारी कई लोग आते हैं।
अपने लेखन कर्म से ही हम उन्हें आजमाते हैं।।
क्यों? डरे हम सच सच ही तो बताते हैं।
कलम से दोस्ती की है तो साथ उसका निभाते हैं।।
ना छोड़ेंगे सच्चाई का पथ हम यही कसम खाते हैं।
लेखनी को सदा से ही लोगो यथार्थ भाते हैं।
तभी तो मन के भाव कागज पर उतार पाते हैं।।
“दर्पण” समाज को हम तो सच्चा दिख लाते हैं।
“अनुनय” हम कहां किसी को डराते धमकाते हैं।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
3 Likes · 202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Beginning of the end
Beginning of the end
Bidyadhar Mantry
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
surenderpal vaidya
"वक्त वक्त की बात"
Pushpraj Anant
कहते हैं,
कहते हैं,
Dhriti Mishra
अचानक से
अचानक से
Dr. Kishan tandon kranti
.
.
Amulyaa Ratan
*Broken Chords*
*Broken Chords*
Poonam Matia
जीवन के कुरुक्षेत्र में,
जीवन के कुरुक्षेत्र में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर दुआ में
हर दुआ में
Dr fauzia Naseem shad
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
Sarfaraz Ahmed Aasee
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वादी ए भोपाल हूं
वादी ए भोपाल हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
If you do things the same way you've always done them, you'l
If you do things the same way you've always done them, you'l
Vipin Singh
बड़ा मुंहफट सा है किरदार हमारा
बड़ा मुंहफट सा है किरदार हमारा
ruby kumari
सज़ा-ए-मौत भी यूं मिल जाती है मुझे,
सज़ा-ए-मौत भी यूं मिल जाती है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मा शारदा
मा शारदा
भरत कुमार सोलंकी
आजा कान्हा मैं कब से पुकारूँ तुझे।
आजा कान्हा मैं कब से पुकारूँ तुझे।
Neelam Sharma
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
Rituraj shivem verma
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
सत्य कुमार प्रेमी
तेरा मेरा.....एक मोह
तेरा मेरा.....एक मोह
Neeraj Agarwal
3476🌷 *पूर्णिका* 🌷
3476🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
बिसुणी (घर)
बिसुणी (घर)
Radhakishan R. Mundhra
आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
ध्रुव तारा
ध्रुव तारा
Bodhisatva kastooriya
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
Loading...