Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2020 · 2 min read

*** ” लेकिन…! सिर्फ मेरी कविता हो तुम ” ***

*** :: कैसी विशिष्ट रचना हो तुम ,
प्रकृति की अनुपम देन हो तुम ।
नर की नारी हो तुम ,
माया की सरिता हो तुम ।
लेकिन..!
सिर्फ मेरी कविता हो तुम…..!!
सारे जहां में न्यारी हो तुम ,
जन्नत से भी प्यारी हो तुम ।
ख़्वाबों की अनामिका हो तुम ,
मस्ती लिये मन की मल्लिका हो तुम ।
लेकिन…..!
सिर्फ मेरी कविता हो तुम…..!!

*** :: नयन दृष्टि से अगोर हो तुम ,
फिर भी नजरों के नजारे हो तुम ।
रजनी की शीतल चाँद हो तुम ,
पपीहा के प्यास हो तुम ।
मोती-मृणाल से अनमोल हो तुम ,
मेरे सुरों की हर ताल हो तुम ।
लेकिन….!
सिर्फ मेरी कविता हो तुम…..!!

धड़कन की हर स्पंदन हो तुम ,
किशोर जवां की चाहत हो तुम ।
पागल-दीवाने की मंजिल हो तुम ,
शराबी की शबाब हो तुम ।
मधुशाला-सी जाम हो तुम ,
हर कल्पना की आकार हो तुम ।
लेकिन….!
सिर्फ मेरी कविता हो तुम…….!!

*** :: जायसी की ग्रंथावली ‘ पद्मावत ‘ हो तुम ,
मैथिलीशरण की ‘ साकेत ‘ हो तुम ।
तुलसी की ‘ रत्ना ‘ हो तुम ,
घनानंद की अमर ‘ सुजान ‘ हो तुम ।
भास्कर की ‘ लीलावती ‘ हो तुम ,
‘ शाकुन्तलम् ‘ हो कालीदास की तुम ।
लेकिन…..!
सिर्फ मेरी कविता हो तुम…..!!

‘ मुमताज़ ‘ हो शाहजहां की तुम ,
हो ‘ चित्रकारी ‘ बेमिसाल ,
मकबूल हुसैन की तुम ।
मिर्ज़ा ग़ालिब की कलाम हो तुम ,
हर शायर की ग़ज़ल हो तुम ।
परवाने सलिम की ‘ अनारकली ‘ हो तुम ,
सरगम हो सात सुरों की तुम ।
लेकिन….!
सिर्फ मेरी कविता हो तुम…..!!

*** :: चित की चोरनी हो तुम ,
मन की मोरनी हो तुम ।
मन-मोहन की ‘ राधिका ‘ हो तुम ,
शिवा की ‘ गौरी ‘ हो तुम ।
राम की वैदेही सीता-सी…
अतुल्य योग हो तुम ।
प्रियतम् की प्रियतमा खोज हो तुम ।
लेकिन….!
सिर्फ मेरी कविता हो तुम…..!!

चितवन की मधुर कानन हो तुम ,
चमन की हर कली हो तुम ।
मादक-पराग लिये…
मतवाले भौरों की गुंजन हो तुम ,
दीवाने पागल की पहिचान हो तुम ।
मन की हर मुराद हो तुम ,
हर सवाल की जवाब हो तुम ।
लेकिन….!
सिर्फ मेरी कविता हो तुम…..!!

कल की पुकार थी तुम ,
आज की आवाज हो तुम ।
कल की पुकार भी हो तुम ,
मन वीणा की हर ‘ तार ‘ भी हो तुम ।
लेकिन….!
आज… अभी… और कल भी…
सिर्फ मेरी ” कविता ” हो तुम….!!
सिर्फ मेरी ” कविता ” हो तुम…..!!

***************∆∆∆****************

* बी पी पटेल *
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ )
०४ / १० / २०२०

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 387 Views
Books from VEDANTA PATEL
View all

You may also like these posts

प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
Surinder blackpen
नरभक्षी एवं उसका माँ-प्यार
नरभक्षी एवं उसका माँ-प्यार
Dr MusafiR BaithA
तमन्ना
तमन्ना
Shutisha Rajput
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मैं सोचता हूँ उनके लिए
मैं सोचता हूँ उनके लिए
gurudeenverma198
शीर्षक-सत्यम शिवम सुंदरम....
शीर्षक-सत्यम शिवम सुंदरम....
Harminder Kaur
कैसी
कैसी
manjula chauhan
"मुसाफिरखाना"
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदी हमारे देश की एक भाषा मात्र नहीं है ,
हिंदी हमारे देश की एक भाषा मात्र नहीं है ,
पूनम दीक्षित
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुख - डगर
सुख - डगर
Sandeep Pande
आपकी अच्छाइयां बेशक अदृश्य हो सकती है!
आपकी अच्छाइयां बेशक अदृश्य हो सकती है!
Ranjeet kumar patre
गरीब हैं लापरवाह नहीं
गरीब हैं लापरवाह नहीं
सुशील भारती
किसी के साथ वक्त बिताना एक अनमोल तोहफा है उसकी कद्र करके रिश
किसी के साथ वक्त बिताना एक अनमोल तोहफा है उसकी कद्र करके रिश
पूर्वार्थ
24/227. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/227. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुराद
मुराद
Mamta Singh Devaa
ठहर नहीं
ठहर नहीं
Dr fauzia Naseem shad
“बधाई और शुभकामना”
“बधाई और शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
जय जय शंकर जय त्रिपुरारी
जय जय शंकर जय त्रिपुरारी
Uttirna Dhar
मुझे मेरी ताक़त का पता नहीं मालूम
मुझे मेरी ताक़त का पता नहीं मालूम
Sonam Puneet Dubey
*कुछ शेष है अब भी*
*कुछ शेष है अब भी*
अमित मिश्र
मुठ्ठी भर आकाश
मुठ्ठी भर आकाश
Sanjay Narayan
दर्शन
दर्शन
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कवि को क्या लेना देना है !
कवि को क्या लेना देना है !
Ramswaroop Dinkar
ईश्क में यार थोड़ा सब्र करो।
ईश्क में यार थोड़ा सब्र करो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
लाल बहादुर
लाल बहादुर
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Rainbow in the sky 🌈
Rainbow in the sky 🌈
Buddha Prakash
हिंदी दिवस पर
हिंदी दिवस पर
RAMESH SHARMA
.
.
*प्रणय*
ढोंगी बाबा से सदा,
ढोंगी बाबा से सदा,
sushil sarna
Loading...