*लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
लेकिन बाढ़ न आए (गीत)
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बादल चाहे जितना बरसो ,लेकिन बाढ़ न आए
(1)
गॉंव-शहर की भरी नालियॉं, कीचड़ सड़कों पर है
जगह-जगह हैं गड्ढे गहरे, फिसलन का ही डर है
दृश्य टपकती छत का घर में, फिर इस बार न आए
(2)
ढेर गंदगी के, आने से पहले सब हटवाना
रिमझिम रिमझिम बरस नर्तकी-जैसे फिर
तुम आना
साफ-सफाई हो यदि तो बारिश उपहार कहाए
(3)
धरती पर टप-टप बूँदों का पड़ना जैसे
सरगम
कलाकार का हुनर ,प्रशंसा जितनी भी हो वह कम
हौले-हौले जैसे मॉं बच्चे से लाड़-लड़ाए
बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451