लें अचूक हथियार…..: दोहे
आतंकी कश्मीर का, बना फिर रहा बाप.
हूर बहत्तर बाँटता, असह्य ‘पाक’ का ताप..
वार करे छिप कर सदा, आतंकी यह देश.
शातिर पाकिस्तान को, समझाना क्यों शेष??
बीसों घायल हो गए, सत्रह हुए शहीद.
सोते सैनिक मारकर, मना रहा बकरीद..
धमकाए परमाणु बम, इस्लामिक अब नित्य.
कब से पापी ‘पाक’ के, असहनीय सब कृत्य..
सजा-माफ़ कैदी घुसा, मृत्यु तुल्य दें कष्ट.
चिह्नित कर अक्रिय करें, नाभिकीय बम नष्ट..
नेतागण जिस पर चले, मत देखें वह लीक.
हिम्मत करके लीजिये, निर्णय एक सटीक..
ब्रह्म अस्त्र है पास में, लें अचूक हथियार.
तोड़ सिंधु जल संधि दें, करें ‘पाक’ पर वार..
तड़पेगा इस वार से, माँगेगा जल भीख.
आयेगा औकात में, प्रबल मिलेगी सीख..
सैनिक हुए शहीद जो, आहत यह परिवार.
है विनम्र श्रद्धांजलि, उनको शत-शत बार..
जय हिन्द,
–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’