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9 Jun 2022 · 1 min read

लुटा दूँ सब कुछ तुझ पर

लुटा दूँ सब कुछ तुझ पर
जो तू मुझे अपनी चाहत बना ले।
मिटा दूँ तेरे सारे गम
जो तू मुझे अपनी चाहत बना ले।
तेरे पलकों मे अश्क न आने दूँ ,
तेरे चाँद से मुखड़े मे गम की काली घटा न छाने दूँ ,
जो तू मुझे अपनी चाहत बना ले।
तेरे वास्ते अपने गुनाहो का अंत कर दूँ ,
खुद को तेरे लिए कुर्बान कर दूं
जज्बात मैं तेरे खुद ही बन जाऊं
जो तू मुझे अपनी चाहत बना ले।

Language: Hindi
2 Likes · 167 Views
Books from शिव प्रताप लोधी
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