लुटा दूँ सब कुछ तुझ पर
लुटा दूँ सब कुछ तुझ पर
जो तू मुझे अपनी चाहत बना ले।
मिटा दूँ तेरे सारे गम
जो तू मुझे अपनी चाहत बना ले।
तेरे पलकों मे अश्क न आने दूँ ,
तेरे चाँद से मुखड़े मे गम की काली घटा न छाने दूँ ,
जो तू मुझे अपनी चाहत बना ले।
तेरे वास्ते अपने गुनाहो का अंत कर दूँ ,
खुद को तेरे लिए कुर्बान कर दूं
जज्बात मैं तेरे खुद ही बन जाऊं
जो तू मुझे अपनी चाहत बना ले।