लिख लिख उलफत में तेरी, यू तुझको संवारे जाते है ।
लिख लिख उलफत में तेरी,
यू तुझको संवारे जाते है ।
लग लग कर माली,
सुंदर फुलवारी संवारे जाते है ।।
कर कर इश्क आशिक,
अपना परलोक संवारे जाते है l
हो हो कर शहीद सैनिक,
जन ओ जग संवारे जाते है ll
अरविन्द व्यास “प्यास”