लिख दूं क्या शायरी में???
मेरे शब्द कम पड़ गए तेरी शिकायतें लिखते- लिखते,
बोल न, तुझे किया प्यार लिख दूं क्या शायरी में??
तुझसे इश्क मांगा था उम्र भर का,
और कुछ हसीन पल भी तेरी अनमोल जिंदगी से,
वो तेरा किया करार लिख दूं क्या शायरी में??
तेरी मचलती सांसों का अहसास,
और देर रात तक के अफसाने,
बोल न, वो तेरे खूबसूरत अल्फ़ाज़ लिख दूं क्या शायरी में??
मेरी आंखो से बहते खून,
और कुछ तेरी उलझते सवालात,
बोल न, वो तेरा नजरअंदाज लिख दूं क्या शायरी में???
बोल न!!!
…. राणा….