Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2022 · 1 min read

लिखे आज तक

शब्द मैंने तो तुम तक लिखे आज तक
मैंने कुछ एक मुक्तक लिखे आज तक
राहें आसान होतीं तो लिखते और कुछ,
हमने राहों के कंटक लिखे आज तक
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 372 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुंडलिया - रंग
कुंडलिया - रंग
sushil sarna
ଜାମ୍ୱାଇ
ଜାମ୍ୱାଇ
Otteri Selvakumar
कामयाबी के पीछे छिपी पूरी ज़वानी है,
कामयाबी के पीछे छिपी पूरी ज़वानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
साइड इफेक्ट्स
साइड इफेक्ट्स
Dr MusafiR BaithA
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
Sachin Mishra
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।
सत्य कुमार प्रेमी
आरम्भ
आरम्भ
Neeraj Agarwal
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
छात्रों का विरोध स्वर
छात्रों का विरोध स्वर
Rj Anand Prajapati
छठ पूजा
छठ पूजा
Satish Srijan
मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन
मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन
Shweta Soni
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
विजय कुमार अग्रवाल
भ्रम
भ्रम
Dr.Priya Soni Khare
यह चाय नहीं है सिर्फ़, यह चाह भी है…
यह चाय नहीं है सिर्फ़, यह चाह भी है…
Anand Kumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
Ravi Prakash
"" *हे अनंत रूप श्रीकृष्ण* ""
सुनीलानंद महंत
किसी भी रिश्ते में प्रेम और सम्मान है तो लड़ाई हो के भी वो ....
किसी भी रिश्ते में प्रेम और सम्मान है तो लड़ाई हो के भी वो ....
seema sharma
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
हर किसी का एक मुकाम होता है,
हर किसी का एक मुकाम होता है,
Buddha Prakash
दर्द इन्सान को
दर्द इन्सान को
हिमांशु Kulshrestha
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
VINOD CHAUHAN
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आ अब लौट चलें.....!
आ अब लौट चलें.....!
VEDANTA PATEL
प्रेम ही जीवन है।
प्रेम ही जीवन है।
Acharya Rama Nand Mandal
मैंने देखा है
मैंने देखा है
Bindesh kumar jha
New88.co.uk là đại lý chính thức của nhà cái new88. Trang we
New88.co.uk là đại lý chính thức của nhà cái new88. Trang we
new88couk
जरूरत के हिसाब से ही
जरूरत के हिसाब से ही
Dr Manju Saini
Loading...