लिखूंगा तो…?
लिखूंगा तो कहोगे
क्या लिख दिया
नहीं लिखा तो कहोगे
लिखते क्यों नहीं ..?
अजीब कश्मकश है
दिल कहता है, लिखो
शब्द बेजुबाँ पड़े हैं।।
शब्दकोश से निकल
सब बाजार में आ गये
मंडी है, खरीददार हैं..
मग़र, कितना बेचोगे..!
अल्फ़ाज़ों के सफ़र में
हमसफ़र हैं सभी यहाँ
तभी पूछता हूँ ख़ुद से
क्या-क्या सूर्य तोलोगे।।
सूर्यकान्त