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5 Nov 2016 · 1 min read

लिखूँ आज

लिखू आज एक अन्तरा नाम तुम्हारे.
पहली पंक्ति का प्रथम अक्शर तुम.से

छन्द चौपाई दोहा सोरठा मे आकर.
शब्दो मे उतर कर बरबस लिख जाते

सरगम के सुर मेरी रागिनी के बन.
मुरली बना अधरों से लगा लू मैं तुझे.

हर साँस की स्वर तन्त्री में आकर तुम
तार सप्तक के बना कर सजा लूँ तुझे

अनगिनत दुआओं से तुझको मैने पाया
मन में बसा कर मंदिर एक बना लूँ तुझे

Language: Hindi
73 Likes · 270 Views
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