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29 Oct 2023 · 1 min read

लिखना है मुझे वह सब कुछ

लिखना है मुझे वह सब कुछ
जो मेरी पहचान का भ्रम तो देता है
किंतू वास्तवविक पहचान नही
वो दर्द, वो तन्हाई, वो बेचैनी
वो अवसाद, वो रुसवाई
वकृत की पोटली से
मेरे हिस्से में सिमटते गई
जैसे नदी के तलहटी में जमे गाद
किन्तु जैसे ही छेड़ा
सारा पानी धुंधला हो उठा
और कुछ भी स्पष्ट दिख नही पाता।
हाँ! आज की पूर्णिमा में ग्रहण जो लगा है।
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)

Language: Hindi
1 Like · 346 Views

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