लाहौर में तिरंगा
कब तक बंदे रहेंगे हम, अब जंजीर तोड़ दी जाएगी
जो आँख उठेगी वतन पे मेरे, वो आँख छोड़ दी जाएगी।
बीज शांति के हमने बोये, पर तूने बारूद जला डाले
कश्मीर के ख्वाब में ना जाने, कितने कसाब बना डाले।
खाने को पास दो दाने नहीं, भीख मांग कर लाता है..
आतंकवाद के दम पर तू, हमको आँख दिखाता है।
चीन के चक्कर में पड़कर, देश को अपने बांट दिया
हिम्मत तेरी इतनी बढ़ गई, सैनिक का सर काट दिया।
आतंकवाद की तेरी खेती अब, तहस-नहस कर डालेंगे
पीढ़ी दर पीढ़ी तड़पेगी ऐसा, सबक सिखा कर मानेंगे।
कश्मीर का ख्वाब छोड़ दे वरना, लाहौर हाथ से
जाएगा मिट जाएगा नक्शे से तू , बस तेरा इतिहास रह जाएगा।।
#कवि आदित्य मौर्य