लाल क्रांति!!
रोज जगता हूं सुबह की पहली किरण से पहले,
आसमान के लाल होने से भी पहले,
इस आश में कि, आसमान लाल होने से पहले,
यहां इस जमीं पर फैले शोषितों की आवाज,
जो मशाल जलाई थी क्रांति की,
जुल्म का अंधेरा छाने पर,विचारो की रौशनी बनाए रखने के लिए,
उसे इस नफरत के लहर के बुझाने से पहले,
एक लाल झंडा का साथ मिल जाय, लाल क्रांति के लिए,
सूर्य उदय होने पर सिर्फ गूंजे,
एक नारा इन्कलाब जिंदाबाद, इन्कलाब जिंदाबाद..!!!
…..राणा…..