लायक
” क्या हुआ नीरा रो क्यों रही है ? ”
” माला तुझे तो पता ही है कि मेरे पिता जी किसान हैं कैसे कैसे करके दोनों भाइयों को पढ़ाया । ”
” आज दोनों भईया लोग अपनी मेहनत से आई ए एस बन गये हैं और मुझे यहाॅं हाॅस्टल में रख कर पढ़ा रहे हैं । ”
” अरे यार ! ये तो सब जानते हैं लेकिन इसमें रोने जैसी क्या बात है ? ”
नीरा ने सुबकते हुए कहा कि ” मेरी शादी जिससे ठीक हुई थी उसको मेरे लायक बनाने के लिए भईया लोगों ने उसकी भी तैयारी आई ए एस के लिए करवाई । ”
” अरे बाबा ! ये भी जानता है पूरा हॉस्टल…इसमें नया क्या है । ”
” नया है ” यह कह और मीरा जोर से रो पड़ी ।
” चल जो नया है वो अब जल्दी से बता दे । ”
” उसका भी सेलेक्शन आई ए एस में हो गया है । ”
” क्याsss ? तो महारानी जी इस बात पर रोना क्यों तुझे तो खुश होना चाहिए…चल उठ और हम सबको मिठाई खिला । ”
नीरा रोती ही जा रही थी ।
” अब बहुत हो गया चुप भी हो जा , मुझे नही पता था की ये खुशी के ऑंसू हैं । ”
” नही ये खुशी के ऑंसू नही हैं नीरा ने और जोर से रोते हुए कहा । ”
” तो देवी ! अपने ऑंसूओं का कारण बताने का कष्ट करें आप…अब माला झुंझला पड़ी । ”
” भईया लोगों ने उसे मेरे लायक बनाने के लिए उसके साथ इतनी मेहनत की…अब जब वो आई ए एस में सेलेक्ट हो गया तो उसने शादी से मना कर दिया । ”
” क्यों क्यों मना कर दिया अब क्या प्रधानमंत्री बन कर हाॅं करेगा ? जितना लायक बनना था बन गया बेकार में ज़बरदस्ती की ऐठन दिखा रहा है । ”
नही ये बात नही है…उसने कहा कि ” पहले वो मेरे लायक नही था अब मैं उसके लायक नही हूॅं । ”
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 28/09/2021 )