“लाड़ली रानू”
“लाड़ली रानू”
मेरी रानू की हर अदा निराली
चहकती रहती है सारे सारे दिन
लक्की संग मस्ती करती रहती
फूलों सी सदा वो मुस्कुराती है,
मम्मी का हर दर्द बांट लेती
पापा को बात खुशी से बताती
मिल जुल कर रहना सिखाती
आंगन को खुशबू से महकाती है,
रसोई में मीनू का हाथ बंटवाती
पेंटिंग में नित हाथ आजमाती
रोमी को सारा होमवर्क करवाती
नए नए खेल उसे खिलाती है,
बड़ों का आदर सत्कार करना जाने
जानवरों को भी अपना ही माने
अपनी ही दुनिया में मस्त है वो
नए उपहार पाकर खिलखिलाती है।