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25 Jun 2024 · 1 min read

“लाज बिचारी लाज के मारे, जल उठती है धू धू धू।

“लाज बिचारी लाज के मारे, जल उठती है धू धू धू।
मर्यादा का पाठ पढ़ाती, वैशाली की नगर वधू।।”

😢प्रणय प्रभात😢

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