लाई हूँ महक
लाई हूँ महक
मैं हूँ हवा
लाई हूँ महक
फूलों को छेड़कर
चाहती हूँ
महकाना आपको
आप लोगे तो
महक जाओगे
दूर हो ताजगी
संकीर्णता की
दुर्गंध
-विनोद सिल्ला
लाई हूँ महक
मैं हूँ हवा
लाई हूँ महक
फूलों को छेड़कर
चाहती हूँ
महकाना आपको
आप लोगे तो
महक जाओगे
दूर हो ताजगी
संकीर्णता की
दुर्गंध
-विनोद सिल्ला