Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
शेखर सिंह
18 Followers
Follow
Report this post
18 Apr 2024 · 1 min read
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
उठो और इसको खुद ही बदलो!!
Tag:
Quote Writer
Like
Share
117 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
जब तक जेब में पैसो की गर्मी थी
Sonit Parjapati
" बयां "
Dr. Kishan tandon kranti
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
Nazir Nazar
monalisa
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खुद की नजर में तो सब हीरो रहते हैं
Ranjeet kumar patre
जाने क्यूं मुझ पर से
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अब उनके ह्रदय पर लग जाया करती है हमारी बातें,
शेखर सिंह
आरजी जिंदगी है ...हिसाब किताब होगा सब आखिरत में......
shabina. Naaz
प्रेम पथिक
Aman Kumar Holy
मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना )
VINOD CHAUHAN
क्यू ना वो खुदकी सुने?
Kanchan Alok Malu
शीर्षक - घुटन
Neeraj Agarwal
आज की इस भागमभाग और चकाचौंध भरे इस दौर में,
पूर्वार्थ
3429⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
Shashi kala vyas
दुख तब नहीं लगता
Harminder Kaur
उत्तर से बढ़कर नहीं,
sushil sarna
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
मुस्कुराकर बात करने वाले
Chitra Bisht
#व्यंग्यात्मक_आलेख
*प्रणय*
जीवन में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
Ajit Kumar "Karn"
कभी कभी किसी व्यक्ति(( इंसान))से इतना लगाव हो जाता है
Rituraj shivem verma
एक तू ही वह लड़की है
gurudeenverma198
इस तरह भी होता है
हिमांशु Kulshrestha
इक पखवारा फिर बीतेगा
Shweta Soni
सिमट रहीं हैं वक्त की यादें, वक्त वो भी था जब लिख देते खत पर
Lokesh Sharma
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
(कहानी) "सेवाराम" लेखक -लालबहादुर चौरसिया लाल
लालबहादुर चौरसिया लाल
*प्राण-प्रतिष्ठा (दोहे)*
Ravi Prakash
Loading...