“लहलहाते खलिहान”
“लहलहाते खलिहान”
शांति और चैन से भरपूर
मन का सुकून हरे भरे खेत
पहरेदार इसका देशी किसान
सादा बाणा किसान का परिधान,
मौसम अनुसार इसमें फसल उगाएं
समय समय पर खरपतवार हटाएं
खाद, बीज और पानी इसमें लगाएं
ये हैं हमारे लहलहाते खलिहान,
शीतल हवा का आभास करवाते
भीनी भीनी सी अनाज सुगंध फैलाते
खाने का जायका और अधिक बढ़ाते
दरखत नीचे बैठ जब खाते पकवान,
खेतों में काम कर सेहत हम बनाते
पूनिया के हृदय को खेत खूब भाते
खुड्डी बनाओ चाहे बनाओ मकान
अपने खेत का अलग ही होता गुमान।