लव स्नैग
लव स्नैग
(भरतीय वायुसेना में सेवाकाल के प्रारंभिक दिनों की एक कविता)
जिगर जलता है मेरी जान बिजली के हीटर की तरह।
और दिल धड़कता है फु्ल स्पीड कार के मीटर की तरह।
कितने इल्ज़ाम,लगे मेरे नाम कि हो गया बदनाम
पुलिस थाने के हिस्ट्रीशीटर की तरह।
तेरी याद आती आती है,बड़ी सताती है
और दिल की धड़कन बढ़ाती है एक्सीलेरेटर की तरह।
एक बार मिला,दो बार मिला तेरे बाप से,मगर बेकार
कमबख्त एक ही पाठ पढ़ाता है किसी स्कूल टीचर की तरह।
अरे जा,जा,कहाँ मेरी चाँद सी चकमक गुड़िया,
कहाँ तेरी सूरत फटीचर की तरह।
ढाँचा फिट करने में खुद ढाँचा, ढाँचा हो गया
लो देख लो तुम खुद आज,
किस कदर लुट रहा हूँ एक एयरफ्रेम फिटर की तरह।
-©नवल किशोर सिंह