लव इन रिलेशनशिप (मंदाक्रान्ता छंद)
मंदाक्रान्ता छंद 17
म भ न त त गुरू गुरू
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लिव इन रिलेशनशिप
झूठे जालों फस यवन के रूप सी मौत पाई ।
ढाये भारी सितम तन लूटा दया भी न आई।
पीटा काटा हर तरह हैवान हो लाश को भी।
श्रद्धा तूने यह सब सहा बोल पाया न तो भी ।
अंगो के काटकर टुकड़े फेंक पेंतीस तेरे ।
संदेशा ले लिव इन भरा आज ही देश मेरे ।
जागोजागो अब यह कथा जो सुनाती कहे है।
फांसी हो शीघ्र बस सबकी आँख धारा बहे है।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
19/11/22