*लव इज लाईफ*
माना कि हम रात को, एक बंद कमरे में होते।
सब सोते, हम उसकी यादों में खोते।
काश उस कमरे में, अंधेरा हो जाता।
मैं उसे पहचानने में, भूल कर जाता।
छूने के बाद उसे,
बुरी तरह पछताता।
हिचकते हुए सुबह को, सबको मैं बताता।
कि भूल से भूल हो गई,बताते हुए शर्माता।
पर उसकी सुन्दर हंसी और मुस्कुराहट सताती।
सोने नहीं देती मुझे, बार-बार जगाती।
मैं भी उससे कुछ न कहता, वह भी घबराती।
दिन में उससे मैं डरता, रात को मेरे पास आती।
आया एक दिन दिमाग में मेरे, बात क्या है बता देती?
खुद तो जीती है, पर मुझे जीने नहीं देती है।
सामने गर रोने लगूं तो, वह रोने भी नहीं देती है।
मैंने जानना चाहा, कि आखिर तू चाहती क्या है?
मेरे साथ तेरा, मुझे पता नहीं रिश्ता क्या है?
कहती थी वह मुझसे, कि तू एक मेरा दिलदार है।
तेरी हूं अब आगे भी रहूंगी, जीवन तुझ पर निसार है।
कहा मैंने कैसे करूं, तुझ पर तेरे प्यार पर भरोसा?
प्यार अंधा धोखेबाज होता है, देगी मुझे धोखा।
कहा उसने यह झूठ है, क्योंकि लव इस लाइफ।
गर प्यार है पक्का तो, बनकर दिखाऊंगी वाइफ।
ओह! तो मैं बोला, यह था मकसद तेरा।
फंसाकर अपने जाल में मुझे, भटकायेगी लक्ष्य मेरा।
वह बोली ओ दीवाने, तू इतना क्यों घबराता है?
तेरे कारण जग छोड़ा मैंने, तू मुझे छोड़कर जाता है।
उसने कहा ज्यादा सीधा रहना, कायरता का निशान है।
तेरे बिन मैं मर जाऊंगी, सच्चे प्यार की पहचान है।
लड़का कहता सुनकर ये,ऐ सुन लड़की दीवानी।
जब मेरे लिए तू राजी है, तो मुझे क्या परेशानी।
अब लगने लगी मुझे अच्छी तू,तेरी मस्त जवानी। चाहत बढ़ गई पहले से ज्यादा, तेरे लिए जानी। अब ना होना डार्लिंग जानेमन, तू इतनी बेगानी।
बनाना चाहता हूं मैं, तुझको अपने सपनों की रानी।
लड़की बोली रहूंगी साथ, हमेशा बनाकर संगी।
अलग कभी ना होऊंगी तुझसे, आए कितनी तंगी।
लड़का बोला ठीक है तो, ना करना बर्बादी।
दुष्यन्त कुमार भी जाएगा इसमें, कल है उनकी शादी।।