Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

लम्हों की तितलियाँ

उड़ती जाती
इस डाली उस डाली
न तेरे पकड़ में आती न मेरे
लम्हों की तितलियाँ

रंग बिरंगी खूबसूरत सी
मन को मोहने वाली
चंचल सी फुदकती फिरती
लम्हों की तितलियाँ

कभी इस फूल की महक लेती
कभी उस फूल की
फूलों की ख़ुशबू से मदमादी
लम्हों की तितलियाँ

4 Likes · 1 Comment · 220 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
काश तुम मेरे पास होते
काश तुम मेरे पास होते
Neeraj Mishra " नीर "
झूठ न इतना बोलिए
झूठ न इतना बोलिए
Paras Nath Jha
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
Tarun Garg
प्रेम कविता ||•
प्रेम कविता ||•
पूर्वार्थ
संभव की हदें जानने के लिए
संभव की हदें जानने के लिए
Dheerja Sharma
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
* विजयदशमी मनाएं हम *
* विजयदशमी मनाएं हम *
surenderpal vaidya
धरती
धरती
manjula chauhan
रूठकर के खुदसे
रूठकर के खुदसे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दिलों को आजमाता है
दिलों को आजमाता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
ruby kumari
मौत की हक़ीक़त है
मौत की हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
प्यार का नाम मेरे दिल से मिटाया तूने।
प्यार का नाम मेरे दिल से मिटाया तूने।
Phool gufran
चप्पलें
चप्पलें
Kanchan Khanna
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
Ravi Prakash
माँ तेरे आँचल तले...
माँ तेरे आँचल तले...
डॉ.सीमा अग्रवाल
!! उमंग !!
!! उमंग !!
Akash Yadav
pita
pita
Dr.Pratibha Prakash
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
गज़ल (राखी)
गज़ल (राखी)
umesh mehra
कैसे लिखूं
कैसे लिखूं
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रामबाण
रामबाण
Pratibha Pandey
"लावा सी"
Dr. Kishan tandon kranti
बावन यही हैं वर्ण हमारे
बावन यही हैं वर्ण हमारे
Jatashankar Prajapati
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
3367.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3367.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
सोच और हम
सोच और हम
Neeraj Agarwal
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
ऐसा लगता है कि
ऐसा लगता है कि
*प्रणय प्रभात*
Loading...