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25 Jul 2024 · 1 min read

लम्हें यादों के…..

भीगी कलियाँ, भीगी पलकें, सीली सीली सर्द हवा
प्यासी रूह हुई भाव विभोर ज्यों दिलों का सरगम हुआ II
*****
अंतर्मन के तार बजे भोर की महकी फिजाओं में
धुली गर्त सदियों से जमी मधुबन सा खिल अंग-अंग हुआ II
*****
ज्यों नाचे मयूरी मन पुलकित शबनम सी प्यारी बूँदें
माटी की सौंधी खुशबूप्यारी बरखा का मन तरंग हुआ II
****
कुलदीप दहिया “मरजाणा दीप”

Language: Hindi
1 Like · 64 Views

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