” लद्दाख (गलवान )शहादत “
नमन है वीर जवान शहीदों को ???
पत्थर – लाठी -डंडों से
रक्षा करेगें हम ऐसे ?
हम गोली खाते सीने पर
तो अफ़सोस ना होगा मरने पर ,
आदेश के इंतज़ार में
कब तक बैठेगें क़रार में ?
देकर देखो छूट हमें
कोई ना कर पायेगा शूट हमें ,
हिंदी चीनी भाई – भाई
ये चाल इसने ख़ूब चलाई ,
चचेरा भाई भाई ना हो पाया
मुँहबोला क्या हो पायेगा ,
बिच्छु की तरह बैठा है ये
हमेशा की तरह डँस जायेगा ,
जब भी मिलता है इसको मौक़ा
पलट कर देता है ये धोखा ,
इसको सबक़ देना ज़रूरी है
शान्ती हमारी नही मजबूरी है ,
इनके ड्रैगन अब बस तस्वीरों में ही बसते हैं
हमारे शेर जंगल और सीमाओं पर भी दिखते हैं ,
अब तुमको धोखा देकर ऐसे ही नही जाने देगें
तुमने ही उकसाया है वापस तुमको सबक देगें ,
हम भारत के वीर सपूत एक – एक हिसाब लेगें
धरती माँ का इक कोना भी तुमको नही छूने देगें ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 17/06/2020 )