Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

लथ -पथ है बदन तो क्या?

लथ -पथ है बदन तो क्या?
काम वतन के नहीं आएंगे क्या ?
यह सत्य है कि दुश्मन की गोलियां
हमने खाई है अपनी ख़ुशी से
दुश्मन को हमने पीठ दिखाई नहीं है
सांसे चल रही है अभी भी
दिल धड़क रहा अभी भी
आगे बढ़ सकते हैं, बढ़ेंगे भी
मरकर भी जिन्दा नहीं रहेंगे क्या ?
अभी तिरंगा फहराना है मुझे
दुश्मन की छावणीयों पर
मरना होगा मर जायेंगे
देश के लिए मरने का मौका फिर मिलेगा क्या? ?
चारों ओर बदुके तनी है
गोला भी गरज रहा है
ड्रोन भी उड़ रहा है अनवरत
कब -क्या होगा कह नहीं सकते
रिस्कयु वाले अबतक आएंगे
उसकी प्रतीक्षा में नहीं रहेंगे हम
जान जाने का गम नहीं है
भारत माता की रक्षा करने का अभी भी दम है.
भारत माता पुकार रही :
“सपूतों ! शहीद होने में डर कैसा ?
वीर नहीं है कोई तुम जैसा
जो कर सकते हो अभी भी करों
जो नहीं कर सकते मत ही करों
तुम्हारे आगे भी कई वीर है
तुम्हारे पीछे भी कई वीर है
दुश्मनों का दर्प दलन करों
थोड़ा मचल लो, बन्दुक उठा लो
मेरी धरती पर अपना नाम लिख लो
एक दिन तो मरना है ही, मरोगे ही
मरने के बाद तिरंगे में लिपटा तुम्हारा बदन
तुम्हारे गाँव, तुम्हारे घर नहीं जायेगा क्या ?”
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
@रचना – घनश्याम पोद्दार
मुंगेर

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ghanshyam Poddar
View all
You may also like:
सुनाओ मत मुझे वो बात , आँसू घेर लेते हैं ,
सुनाओ मत मुझे वो बात , आँसू घेर लेते हैं ,
Neelofar Khan
पिछले पन्ने 6
पिछले पन्ने 6
Paras Nath Jha
नैया फसी मैया है बीच भवर
नैया फसी मैया है बीच भवर
Basant Bhagawan Roy
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
Mangilal 713
प्रेम कब, कहाँ और कैसे ख़त्म हो जाता है!
प्रेम कब, कहाँ और कैसे ख़त्म हो जाता है!
पूर्वार्थ
जब अकेला निकल गया मैं दुनियादारी देखने,
जब अकेला निकल गया मैं दुनियादारी देखने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4080.💐 *पूर्णिका* 💐
4080.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"पूछो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
होता है हर किसी को किसी बीती बात का मलाल,
होता है हर किसी को किसी बीती बात का मलाल,
Ajit Kumar "Karn"
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
Anis Shah
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
प्यार ईश की वन्दना,
प्यार ईश की वन्दना,
sushil sarna
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
Dr Mukesh 'Aseemit'
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
Chandra Kanta Shaw
लौट आओ तो सही
लौट आओ तो सही
मनोज कर्ण
सोचो
सोचो
Dinesh Kumar Gangwar
"किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*सिवा तेरे  सुनो हम-दम हमारा भी नहीं*
*सिवा तेरे सुनो हम-दम हमारा भी नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
Ranjeet kumar patre
वो जहां
वो जहां
हिमांशु Kulshrestha
सुप्रभातम / शुभ दिवस
सुप्रभातम / शुभ दिवस
*प्रणय*
काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
Trishika S Dhara
सूली का दर्द बेहतर
सूली का दर्द बेहतर
Atul "Krishn"
लगा हो ज़हर जब होठों पर
लगा हो ज़हर जब होठों पर
Shashank Mishra
Loading...