=== लड्डू ===
काफी पहले सुना था लोगों से
शादी का लड्डू खाओ या रहने दो
यह वो मिठास है जो खाने में मीठा
और पचाने में होता बहुत नुक्सान है !!
पर इस लड्डू का स्वाद
सब से ही अलग और अनजान है
जो खाने के बाद कहता उफ़ क्यूँ खाया
और न खाने वाला कहंता अरे यार क्यूँ नहीं खाया !!
सच तो यह है दोस्तों
इस को कह लेने में ही फायदा होता है
जीवन के उतार चढाव का
अनुभव भी तो इस की मिठास में होता है !!
कभी न घबराना कि क्यूँ नहीं खाया
में न जाने क्यूँ उस के बहकावे में आया
जिंदगी अकेले कभी नहीं गुजर सकती
जब तक स्वाद अनुसार नमक न मिलाया !!
परमात्मा ने बनाये इस जहान के दो अनजान
न जाने कहाँ कहाँ से ले कर मिला दिया
जिंदगी कभी एकांत में नहीं गुजरती
इस लिए लड्डू के स्वाद को जरूर पहचान !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ