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24 Dec 2021 · 1 min read

लड़की हूं मैं, लड़ सकती हूं!

कुछ कहते हुए भी डरती थी
कुछ करते हुए भी डरती थी
इस मनुवादी समाज में
क्योंकि मैं तो एक लड़की थी
फिर मैंने आम्बेडकर को पढ़ा
और सब कुछ बदल गया!
(१)
न तो जीती थी न ही मरती थी
छुप-छुप कर आहें भरती थी
इस सामंती समाज में
क्योंकि मैं तो एक लड़की थी
फिर मैंने आम्बेडकर को पढ़ा
और सब कुछ बदल गया!
(२)
सबसे कमज़ोर ही पड़ती थी
रिश्तों की क़ैद में सड़ती थी
इस मर्दवादी समाज में
क्योंकि मैं तो एक लड़की थी
फिर मैंने आम्बेडकर को पढ़ा
और सब कुछ बदल गया!
(३)
ख़ुद से भी ख़ुद को छुपाती थी
किसी से कुछ ना बताती थी
इस क़बीलाई समाज में
क्योंकि मैं तो एक लड़की थी
फिर मैंने आम्बेडकर को पढ़ा
और सब कुछ बदल गया…
(४)
सदा अपने को ही कोसती थी
आत्महत्या के लिए सोचती थी
इस रूढ़िवादी समाज में
क्योंकि मैं तो एक लड़की थी
फिर मैंने आम्बेडकर को पढ़ा
और सब कुछ बदल गया!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#PriyankaGandhi
#बॉलीवुड #भोजपुरीसिनेमा
#जनवादीकविता #अवामीशायरी
#इंकलाबीशायरी #स्त्रीशिक्षा
#नारीविमर्श #ambedkarism

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 387 Views
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