लड़की की जिंदगी/ कन्या भूर्ण हत्या
जन्म से पहले दुनिया में आने को लड़ जाती है,
जन्म के बाद इस दुनिया को देखने के लिए तरस जाती है,
जन्म से पहले ही अपने अस्तित्व पर सवाल उठती है,
जब जन्म से पहले एक माँ की परछाई मार दी जाती है।
जन्म के बाद पिता के प्रेम को तरस जाती है,
जन्म के बाद स्नेह सिर्फ माँ से ही पाती है,
जन्म के बाद अपने अस्तित्व में तो आती है,
पर घर परयो की तरह जीवन बिताती है।
बड़े होने पर दुनिया की भीड़ से लड़ जाती है,
करोडो की भीड़ में अपनी पहचान बनाती है,
प्रेम, मोह और भरोसे की ठोखरे खाती है,
फिर एक दिन अपने ही घर से पराई कर दी जाती है।
शादी के बाद एक नया जीवन बनाती है,
परयो पर अपनों सा प्यार लुटाती है,
एक अनजान शख्स पर इतना भरोसा कर जाती है,
की अपनी पूरी जिंदगी उसी के साथ बिताती है।
फिर वो एक बेटी को जन्म दी जाती है,
फिर से दुनिया उसके अस्तित्व पर सवाल उठती है,
फिर से पुत्र प्रेम के मोह में,
एक नन्ही जी जान गवा दी जाती है।
पर अपने पीछे एक सवाल छोड़ जाती है,
पिता, भाई, और पती से अथाह प्रेम के बाद भी,
क्यों ये दुनिया बेटियों को नहीं अपनाती है,
क्यों लड़कियों की जिंदगी एक सवाल बन कर रह जाती है।
क्यों !!!
राजेन्द्र कुमार
@razzz_shiva