लड़कियों का घर
ससुराल मैं अक्सर लड़कियों को सुन ना पड़ता हैं की ये तुम्हारा घर नही हैं जा चली जा अपनी माँ के घर….और लड़किय़ा भी दुखी हो जाती हैं की ना हमारा मायका घर हैं ना ही ससुराल l
मुझे उन लड़कियों से बस इतना कहना हैं की हक के साथ कहो अपने पति से की ज़ितना ये तुम्हारा घर हैं उतना ही मेरा हैं अर्धागिनी हूँ मैं तुम्हारी…बच्चे पैदा किये हैं तुम्हारे….घर के सारे काम करती हूँ पूरे हक़ के साथ ये घर मेरा हैं l