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22 Jan 2022 · 1 min read

लड़किया

ठंड के प्रकोप से ये हाथ कपकपा रहे हो
फिर भी प्रातः ठंड को कपाती है ये लड़कियां ।

संगनी का पात्र हो या मातृता का भाव हो
पूर्ण प्रेम अपना दिखाती है ये लड़कियां ।

पुरुष ही प्राथमिक बिंदु पर खड़ा हुआ है
निम्न को भी उच्चतम बनाती है ये लड़कियां ।

वासना के जाल में फंसे हुए जो हीन है
उनसे भी खुद को बचाती है ये लड़कियां ।

पुरुष तो प्रेम में अहंकार घोलता है
प्रेम में समर्पण मिलाती है ये लड़कियां ।

युद्ध भूमि सैन्य शक्ति कौशल का क्षेत्र हो
खुद को सशक्त बनाती है ये लड़किया ।

लेखक- दुर्गेश तिवारी✍️✍️✍️

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 381 Views
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