लजा कर ठहर जायेगें
लजा के मुहब्बत ठहर जाएंगे
हुआ हाल ऐसा किधर जाएंगे
शमा जब जले बाति को देख कर
तुझे ढ़ूढ़ तब ये नजर जाएंगै
रचूँ याद में गीत तेरे लिए
तुझे देख कर ये अधर जाएंगे
मुहब्बत हमारी फली फूलती
हुआ गर असर तो कमर जाएंगे
बँधा सात फेरे सदा के लिए
चले तू जहाँ हम उधर जाऐंगे
बडी ही मधुर प्रीत की रीति ये
अगर साथ हो तू असर जाएंगे
सफीना बनी जिन्दगी खे रही
सहारा न हो किस डगर जाएंगे