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15 Jul 2023 · 1 min read

“लघु कृषक की व्यथा”

लघु किसान कौ हाल बतावौँ, मिलत न कोउ सुनैया,
भीजे धान, घोर बरखा मा, कोउ न मिलत लिवैया।

हय गई रीती, टेँट, बचो न अधन्ना, नाहिं रुपैया,
धन्य जगत की रीत, इहाँ ना बाप बड़ो, ना भैया।

मीत सखा सब बैरी समुझत, बात न कोउ पुछैया,
सावन रिमझिम करत,मोर जियरा मा अगन लगैया।

चूसत “आशा” आम अकिल्ले, कोउ न सँग अवैया,
कहाँ शायरा, कहँ कवियित्री, कोउ न दाद दिवैया।

फूटि कठौती, टूटि पतीली, टप-टप चुअत मड़ैया,
करहु कृपा रघुनाथ, मोरि अब, पार लगावौ नैया..!

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Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 320 Views
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
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