#लघुकविता-
#लघुकविता-
■ बेचारा दिल….!!
【प्रणय प्रभात】
बेचारा दिल…।
जले तिल-तिल, अजब मुश्किल।
बचे किस से,
दवाबों में, तनावों में,
ये फंसता है छलावों में।
कहे तो क्या, दिए लब सिल,
फंसा है यूं, न सकता हिल,
हमारा दिल, तुम्हारा दिल।
बेचारा दिल, बेचारा दिल।।
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)