#लघुकथा-
#लघुकथा-
■ इन एड ऑन…
【प्रणय प्रभात】
आटा कनस्टर में, तेल जार में, घी डिब्बे में। आलू-प्याज़ डलिया में, धनिया-मिर्च और मटर फ्रीज़ में, गैस सिलेंडर में, चूल्हा और बर्तन स्टैंड पर। बहुरानी बेड पर और हॉट-वाटर बेग पेट पर। हाथ वाटर-बेग पर, आंखें छत पर और दिमाग़ पीहर में।
कुल मिला कर सब कुछ “में” (In) और “पर” (ON) का खेल। मतलब, बनाओ, खाओ और खिलाओ। गर्मी की छुट्टी, कान से कुट्टी। अपना हाथ – जगन्नाथ।।
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)