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24 Jul 2019 · 1 min read

लघुकथा

तुलना

शहर से आकर, गाँव के बस अड्‍डे पर बस रुकी। बस से अन्य सवारियों के साथ, दो दशक पूर्व सेवा निवृत हुए, शिक्षाविद शिवलाल भी उतरे।
बस अड्‍डे के नजदीक ही, राजकीय विद्यालय में खड़ी गाडियां देखकर, मास्‍टर जी एक सहयात्री से पूछ बैठे,”आज स्‍कूल में क्‍या कार्यक्रम है? कोई विधायक, सांसद या मंत्री आया है क्‍या”?
सहयात्री बोला, “कोई कार्यक्रम नहीं है । सभी अध्यापक अपनी-अपनी गाड़ी लाते हैं। ये उनकी गाड़ियां हैं। गुरु जी आप साईकिल पर आते-जाते थे। वो जमाना कब का जा चुका है।
सहयात्री की बात सुन शिवलाल अपने समय की वर्तमान समय से तुलना करते, आगे बढ़ गए।

-विनोद सिल्‍ला©

Language: Hindi
1 Like · 240 Views
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