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21 May 2024 · 1 min read

#लघुकथा / #बेरहमी

#लघुकथा / #बेरहमी
【प्रणय प्रभात】
आठ बाय आठ का एक कमरा। फ़र्श पर आड़े-तिरछे पसरे आठ प्राणी। कोशिश ढाई हजार के लोकल कूलर में घुस जाने की। आखिर पहली बार पेट काट कर लाया गया था वो। ठंडी हवा पर सबका साझा हक़ था। कमरे का माहौल लगभग अगहनी सा था। अचानक एक झटके से बिजली चली गई। बेरहम आषाढ़ ने सभी को झकझोर कर जगा दिया। कोने में रखा छोटा सा कूलर आँखें मलते बेबसों को देख कर अब बेहद शर्मिंदा था।
😢😢😢😢😢😢😢😢

Language: Hindi
1 Like · 80 Views
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